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प्रतिष्ठित वागीश्वरी पुरस्कार से हिन्दी चेतना के सह सम्पादक पंकज सुबीर, वसंत सकरगाए तथा अखिलेश पुरस्कृत





समाचार संकलन चन्‍द्रकांत दासवानीभोपाल -( 1 अप्रैल 2013)  सरकार को चाहिए कि पुरस्कार में केवल पुस्तकें भेंट की जाए चाहे वो पहलवान को ही क्यों न दी जाए, किताब पढऩे से पहलवान कमजोर नहीं होगा किताब कभी एक्सपायर नहीं होती है और न ही यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। यह बात साहित्य अकादमी पुरस्कार से विभूषित देश के वरिष्ठ कवि श्री चन्द्रकांत देवताले ने भोपाल में मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन तथा मायाराम सुरजन फाउण्‍डेशन द्वारा आयोजित वागीश्वरी पुरस्कार समारोह में कही। इस अवसर पर कथाकार पंकज सुबीर, लेखक चित्रकार अखिलेश तथा युवा कवि वसंत सकरगाए को समारोह पूर्वक वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया।
भोपाल स्थित राष्‍ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं शोध संस्‍थान के सभागार में दिनांक 30 मार्च 2013 को आयोजित गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री चन्द्रकांत देवताले ने कहा कि रचनाकारों का सम्मान करना जरुरी है इससे उनका हौसला बढ़ता है साथ ही इस बात का भी पता चलता है कि समाज की निगाह उनके लेखन पर है। साथ ही रचनाकारों को भी ये समझना चाहिये कि पुरस्‍कार एवं सम्‍मान एक बड़ी चुनौती होती है अपने आप के लिये । कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक आरपी मिश्रा ने वरिष्ठ पत्रकार मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी साहित्य जगत के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्व. मायाराम जी के कार्यों को जनता तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व बनता है अच्छी बातों को सदा समाज तक पहुंचना ही चाहिए। सुप्रसिद्ध कवि श्री प्रयाग शुक्‍ल ने कहा कि मायाराम सुरजन फाउण्डेशन का कार्य काफी सराहनीय है कला से जुड़े लोगों में संवाद और भी बढऩा चाहिए भोपाल में जो वातावरण है वो देश में कहीं और दिखाई नहीं देता है। इससे पहले मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के नव निर्वाचित अध्यक्ष पलाश सुरजन का पुष्‍प गुच्‍छ भेंट कर स्‍वागत किया गया । सम्‍मेलन के महामंत्री प्रो विजय अग्रवाल ने कार्यकम की जानकारी प्रदान की। मायाराम सुरजन फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी ललित सुरजन ने मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्‍तार से चर्चा की । कार्यक्रम में कथाकार पंकज सुबीर को उनके उपन्‍यास ये वो सहर तो नहीं हेतु, लेखक चित्रकार अखिलेश को उनकी पुस्‍तक दरसपोथी तथा युवा कवि वसंत सकरगाए को काव्‍य संग्रह निगहबानी में फूल के लिये वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया। तीनों को पुरस्‍कार के रूप में शाल श्रीफल सम्‍मान पत्र तथा इक्‍यावन सौ रुपये की सम्‍मान राशि प्रदान की गई । इस अवसर पर अक्षर पर्व के स्‍व. मायाराम सुरजन पर केन्द्रित विशेषांक तथा मप्र हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन द्वारा वागीश्‍वरी पुरस्‍कार पर विशेष रूप से प्रकाशित विवरणिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। अक्षर पर्व की संपादक सर्वमित्रा सुरजन ने विमोचन कराते हुए अक्षर पर्व की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार श्री मुकेश वर्मा द्वारा किया गया, आभार वसुधा संपादक राजेन्‍द्र शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में मायाराम सुरजन फाउण्डेशन द्वारा बनाई गई वेव साइट का भी लोकापर्ण किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में साहित्‍यकार उपस्थित थे ।

1 टिप्पणियाँ:

Dr. Pankaj Kaushik said...

patrika me saahity kalebar klhub diyaa gaya hai .aaj ku chh log saahity se vimukh hote jaa rahahail,
dr pankaj kaushik

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