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2014 का पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार डॉ. सुधा ओम ढींगरा को

Dr. SUDHA OM DHINGRA

2014 का पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार डॉ. सुधा ओम ढींगरा को दिया जाएगा, इसकी घोषणा दिनांक 24 अप्रैल, 2015 (शुक्रवार) को भारतीय प्रेस क्लब, नई दिल्ली में केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के माननीय उपाध्यक्ष डॉ.कमल किशोर गोयनका की अध्यक्षता में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में संस्थान के निदेशक प्रो. मोहन द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान के विद्वानों के नामों की जारी की गई सूची में की गई है। पुरस्कृत विद्वानों को संस्थान की ओर से एक लाख रुपए, शॉल तथा प्रशस्ति-पत्र, भारत के राष्ट्रपति के हाथों प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। यह सम्‍मान विदेशों में हिन्‍दी के प्रचार प्रसार के लिए बहुत उल्‍लेखनीय कार्य करने हेतु दिया जाता है। डॉ. सुधा ओम ढींगरा कैनेडा से प्रकाशित होने वाली हिन्‍दी की महत्‍त्‍वपूर्ण साहित्यिक पत्रिका हिन्‍दी चेतना की संपादक हैं। कथाकारा तथा कवयित्री डॉ. सुधा ओम ढींगरा के अभी तक चार कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं कमरा नंबर 103, कौन सी ज़मीन अपनी, वसूली तथा दस प्रतिनिधि कहानियां। साथ ही चार कविता संग्रह सरकती परछाइयां, धूप से रूठी चांदनी, सफ़र यादों का तथा तलाश पहचान की भी प्रकाशित हो चुके हैं। उनके संपादन में राष्‍ट्रीय पुस्‍तक न्‍यास से प्रवासी महिला कथाकारों की कहानियों का संकलन इतर अभी प्रकाशित हुआ है। डॉ. सुधा ओम ढींगरा को उत्‍तर प्रदेश हिन्‍दी संस्‍थान द्वारा वर्ष 2013 का विदेश प्रसार सम्‍मान तथा वर्ष 2013 हेतु ही स्‍पंदन प्रवासी सम्‍मान भी प्रदान किया जा चुका है।

'हिन्‍दी चेतना' का अप्रैल-जून 2015 अंक (वर्ष : 17, अंक : 66) अब इंटरनेट पर उपलब्‍ध है।

 

मित्रो, संरक्षक एवं प्रमुख सम्‍पादक श्‍याम त्रिपाठी , तथा सम्‍पादक डॉ. सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra के सम्‍पादन में कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्‍दी चेतना' का अप्रैल-जून 2015 अंक (वर्ष : 17, अंक : 66) अब इंटरनेट पर उपलब्‍ध है। अंक में शामिल है- कहानियाँ : इमेज (प्रज्ञा Pragya Rohini ), मोहभंग (वंदना देव शुक्ल Vandana Dev Shukla ), शारदा (महेन्द्र दवेसर दीपक ), गॉड ब्लैस यू ... (डॉ. वंदना मुकेश Vandana Mukesh ), रस्म-ए-इजरा (भूमिका द्विवेदी अश्क Bhumika Dwivedi Ashk )। लघुकथाएं: आखिरी पड़ाव का सफर (सुकेश साहनी Sukesh Sahni ), भीतर की आग (डॉ. सतीशराज पुष्करणा Satish Raj Pushkarna ), चेतना (मधुकान्त )। विश्व के आँचल से: एक थी माया (गरिमा श्रीवास्तव Garima Srivastava ), प्रवासी साहित्य की अवधारणा और स्त्री कथाकार (निर्मल रानी )। दृष्टिकोण: अमेरिका में बसे प्रवासी और उनकी काव्य साधना (मंजु मिश्रा )। गीत (रजनी मोरवाल Rajani Morwal )। कविताएँ: डॉ. कविता भट्ट Dr-Kavita Bhatt , प्रिया राणा Priya Rana , प्रेम गुप्ता ‘मानी’ प्रेम गुप्ता मानी, सुशीला शिवराण सुशीला शिवराण , अभिनव शुक्ल अभिनव शुक्ल , सौरभ पाण्डेय Saurabh Pandey , रेखा भाटिया, पारुल सिंह Parul Singh , सविता अग्रवाल ‘सवि’ Savita Aggarwal , नीलम मलकानिया Neelam Malkania । दोहे: अशोक अंजुम Ashok Anjum । ग़ज़लें: सुशील ठाकुर Sushil Sahil , रमेश तैलंग Ramesh Tailang। हाइकु: डॉ. सुरेन्द्र वर्मा , डॉ. अर्पिता अग्रवाल , डॉ.गोपाल बाबू शर्मा। भाषांतर: ज़ेबा अल्वी। अविस्मरणीय: नज़ीर बनारसी। संस्मरण: सैली बलजीत Saili Baljit । ओरियानी के नीचे: रेनू यादव Renu Yadav । पुस्तक समीक्षा: देवी नागरानी Devi Nangrani , पूनम माटिया Poonam Matia Mukesh Dubey । पुस्तकें। साहित्यिक समाचार ( Kamal Kishore Goyanka प्रेम जनमेजय Harkirat Heer Ismat Zaidi Shifa Mohan Sagoria ) । विश्व पुस्तक मेले की झलकियाँ ( Nusrat Mehdi Neeraj Goswamy Lalitya Lalit गौतम राजरिशी Shivna Prakashan ) । साथ में सम्‍पादकीय, साहित्यिक समाचार, चित्रमय झलकियाँ, विलोम चित्र, तथा आख़िरी पन्ना।
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हिन्दी चेतना टीम

उषा प्रियंवदा (अमेरिका), चित्रा मुद्गल (नई दिल्‍ली) एवं पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी (भोपाल) को मोर्रिस्विल, अमेरिका में प्रदान किया जाएगा सम्मान


‘ढींगरा फ़ाउण्डेशन-अमेरिका’ तथा ‘हिन्दी चेतना-कैनेडा ’ द्वारा प्रारंभ किये गये सम्मानों के नाम चयन के लिए प्रबुद्ध विद्वानों की जो निर्णायक समिति बनाई गई थी, उस समिति के समन्‍वयक नीरज गोस्‍वामी द्वारा प्रस्‍तुत निर्णय के अनुसार समिति ने 2014 में प्रकाशित हिन्‍दी के उपन्यासों और कहानी संग्रहों पर विचार-विमर्श करके जिन साहित्यकारों को सम्मान हेतु चयनित किया है, वे हैं -‘ढींगरा फ़ाउण्डेशन-हिन्दी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मान’ : (समग्र साहित्यिक अवदान हेतु) उषा प्रियंवदा (अमेरिका), ‘ढींगरा फ़ाउण्डेशन-हिन्दी चेतना अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान’ : कहानी संग्रह- ‘पेंटिंग अकेली है’-चित्रा मुद्गल (सामयिक प्रकाशन ) भारत, उपन्यास-‘हम न मरब’-डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी  (राजकमल प्रकाशन ) भारत। सम्मान समारोह 30 अगस्त 2015 रविवार को मोर्रिस्विल, नार्थ कैरोलाइना, अमेरिका में आयोजित किया जाएगा। पुरस्कार के अंतर्गत तीनों रचनाकारों को ‘ढींगरा फ़ाउण्डेशन-अमेरिका’ की ओर से शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, प्रत्येक को पाँच सौ डॉलर (लगभग 31 हज़ार रुपये) की सम्मान राशि, अमेरिका आने-जाने का हवाई टिकिट, वीसा शुल्क, एयरपोर्ट टैक्स प्रदान किया जाएगा एवं अमेरिका के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी करवाया जाएगा। 

       प्रेमचंद सम्मान तथा डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित प्रतिष्ठित कहानीकार, उपन्यासकार उषा प्रियंवदा प्रवासी हिंदी साहित्यकार हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में कहानी संग्रह -फिर वसंत आया, जिन्दग़ी और गुलाब के फूल, एक कोई दूसरा, कितना बड़ा झूठ, शून्य, मेरी प्रिय कहानियाँ, संपूर्ण कहानियाँ, वनवास तथा उपन्यास -पचपन खंभे लाल दीवार, रुकोगी नहीं राधिका, शेष यात्रा, अंतर्वंशी, भया कबीर उदास, नदी आदि हैं। समग्र साहित्यिक अवदान हेतु उन्हें सम्मान प्रदान किया जा रहा है। व्यास सम्मान, इंदु शर्मा कथा सम्मान, साहित्य भूषण, वीर सिंह देव सम्मान से सम्मानित हिन्दी की महत्त्वपूर्ण कहानीकार चित्रा मुद्गल के अभी तक तीन उपन्यास -एक ज़मीन अपनी, आवां, गिलिगडु, बारह कहानी संग्रह- भूख, जहर ठहरा हुआ, लाक्षागृह, अपनी वापसी, इस हमाम में, ग्यारह लंबी कहानियाँ, जिनावर, लपटें, जगदंबा बाबू गाँव आ रहे हैं, मामला आगे बढ़ेगा अभी, केंचुल, आदि-अनादि आ चुके हैं। सम्मानित कथा संग्रह ‘पेंटिंग अकेली है’ उनका नया कहानी संग्रह है जो सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। पद्मश्री, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, कथा यूके सम्मान, यश भारती सम्मान, सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान से सम्मानित- पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी भोपाल में ह्रदय विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। अब तक प्रकाशित कृतियों में कहानी संग्रह -रामबाबू जी का बसंत, मूर्खता में ही होशियारी है, उपन्यास -नरक यात्रा, बारामासी, मरीचिका, हम न मरब, व्यंग्य संग्रह -जो घर फूँके, हिंदी में मनहूस रहने की परंपरा प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें उनके राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित उपन्यास ‘हम न मरब’ के लिये यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है।