Pages

हिंदी चेतना - अंक अप्रैल २०१२



पत्रिका का नया अंक आपके सामने है. आशा है आपको पसंद आएगा. पाठकों का स्नेह "हिंदी चेतना' का सबसे बड़ा संबल है. आपकी प्रतिक्रियाएं हमारी पूरी टीम को प्रोत्साहित करती हैं. अतः दिल खोल कर अपने मन की बात कहें.

हिंदी चेतना के इस अंक को पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.
पत्रिका को आन लाइन पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.

4 टिप्पणियाँ:

डॉ. जेन्नी शबनम said...

काम्बोज भाई,
हिंदी चेतना का नया अंक पढ़ी. आपका लिखा माहिया और अन्य सामग्री पढ़ी, सभी बहुत रोचक और स्मरणीय. हिंदी चेतना टीम को बधाई.

shashi purwar said...

hardik badhai himanshu ji

bikharemoti said...

हिन्दी-चेतना, पत्रिका तो वैसे ही बहुत सुंदर और सार्थक है....पर अप्रैल अंक का मुखपृष्ट तो आँखों को लुभाने वाला है...चयन के लिए बधाई.....

girish pankaj said...

'हिन्दी चेतना' का अब नियमित पाठक हूँ. लेकिन मज़बूरी यह है कि अंतिम पेज को पहले पढ़ता हूँ. क्या करूँ, वहा गागर में सागर मिलता है. फिर तो पूरी पत्रिका देख लेता हूँ. सम्पादकीय से लेकर रचनाओं की व्यापक दुनिया चेतना से भर देती है. बधाई, कि आप सब मन से, आत्मा के साथ हिन्दी की चेतना को वैश्विक बना रहे है. मेरी हार्दिक शुभकामनाये आप के साथ हैं.

Post a Comment