हिंदी चेतना - अंक जनवरी २०१० (कृपया इस लिंक पर क्लिक कर के पत्रिका डाउनलोड करें)
नव वर्ष में, नए संगठन, नई छटा, नए तेवरों, नए रंग रूप के साथ ''हिन्दी-चेतना'' के नए अंक को अपने आदरणीयों के आशीर्वाद और प्रियों की स्नेह भरी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा. आपकी प्रतिक्रियाओं से हमको प्रेरणा और साहस मिलता है कुछ बेहतर करने का अतः निःसंकोच होकर हमें लिखें.
हिन्दी चेतना में इस बार .....
- कहानियाँ-- अब के बिछुड़े -सुदर्शन प्रियदर्शनी, मुन्ना -डॉ. मधु संधु, अमरीका वाला-डॉ. अफ़रोज़ ताज, जहाँ से चले थे -मनमोहन गुप्ता मोनी
- संस्मरण --एक दरवाज़ा बंद हुआ तो दूसरा खुला -डॉ. अंजना संधीर
- हिन्दी ब्लाग में इन दिनों --आत्माराम शर्मा
- व्यंग्य -समीर लाल समीर
- लघु कथाएँ -अखिलेश शुक्ल
- कविताएँ-पूर्णिमा वर्मन, देवमणि पाण्डेय, शार्दूला नोगजा, शशि पाधा, योगेन्द्र मौदगिल आदि ..
- अमेरिका, कैनेडा , यू.के , भारत से कई लेख, साहित्यिक समाचार
- और भी बहुत कुछ - रोचक और पठनीय
1 टिप्पणियाँ:
sarahneey sarasvat anushtha hetu sadhuvaad.
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