श्री श्याम त्रिपाठी के संपादन में कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का अक्टूबर दिसम्बर अंक 'लघुकथा विशेषांक' अब उपलब्ध है, जिसमें हैं सौ से भी अधिक लघुकथाएं । अतिथि सम्पादक द्वय श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' तथा श्री सुकेश साहनी द्वारा सम्पादित एक संग्रहणीय अंक । आधारशिला, अविस्मरणीय,नई ज़मीन, सम्पदा, स्वागतम् और मेरी पसंद स्तंभों के अंतर्गत प्रेमचंद, उपेंद्रनाथ अश्क, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, राजेंद्र यादव, रघुबीर सहाय, चेखव, काफ्का, चार्ली चैपलिन,असगर वजाहत, आनंद हर्षुल, चित्रा मुद्गल, उदय प्रकाश सहित सौ से भी अधिक कहानीकारों की लघुकथाएं । लघुकथा को लेकर डॉ श्यामसुंदर दीप्ति, डॉ सतीशराज पुष्करणा,श्याम सुंदर अग्रवाल, सुभाष नीरव, डॉ सतीश दुबे, भगीरथ की विशेष परिचर्चा । लघुकथा की सृजनात्मक प्रक्रिया श्री काम्बोज का विशेष लेख । लघुकथा पर एक समग्रदस्तावेज । साथ में पुस्तक समीक्षा, साहित्यिक समाचार, चित्र काव्यशाला, विलोम चित्र काव्यशाला और आख़िरी पन्ना । यह लघुकथा विशेषांक अब ऑनलाइन उपलब्ध है,पढ़ने के लिये नीचे दिये गये लिंक पर जाएं ।
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1 टिप्पणियाँ:
Hardik badhai sweekaren!
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