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'आस पास' में हिन्दी चेतना के प्रेम जनमेजय विशेषांक की रिपोर्ट

'जिंदा लोग' में हिन्दी चेतना के प्रेम जनमेजय विशेषांक की समीक्षा और लोकार्पण रिपोर्ट

हिंदी चेतना - अंक जनवरी २०१२



साक्षात्कार, कहानियाँ, कविताएँ, आलेख तथा अन्य अनेक स्तंभों को अपने में समेटे, 'हिंदी चेतना' का सफ़र एक नयी मंजिल की ओर चल पड़ा है | नयी टीम और नयी उमंग के साथ इस नए वर्ष का स्वागत करते हुए हमें जितना हर्ष है हमारी आशा है कि इस पत्रिका को पढ़ते हुए आपको उससे दुगना हर्ष प्राप्त हो | हमारा प्रयास है कि आपको अपनी भाषा में आपके मन की बात आप तक पहुंचाई जाए | इसमें हम कितना सफल हुए हैं, इसका पता हमको आपकी प्रतिक्रियाओं से चलता है | अतः निस्संकोच अपने मन की बात लिखें |


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'हिन्दी चेतना' के प्रेम जनमेजय विशेषांक पर 'लोकायत' में छपी रिपोर्ट एवं समीक्षा

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