कई पाठकों ने इच्छा प्रगट की थी, वे हिन्दी चेतना के सदस्य बनना चाहते हैं पर हिन्दी चेतना की पीडीऍफ़ से वे उसका सदस्यता पत्र निकाल नहीं सकते। अब आप www.shabdankan.com से "हिन्दी चेतना" का सदस्यता पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। हम भरत तिवारी जी के आभारी हैं जिन्होंने शब्दांकन में इसकी सुविधा प्रदान की।
1 टिप्पणियाँ:
आग्रह है
गुलमोहर------
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